आई - मेट्रो के संदर्भ में
हाल के दिनों में भारतीय उपमहाद्वीप ने भारत के विभिन्न शहरों में कई रेल आधारित मास रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (एमआरटीएस) का लगातार विस्तार देखा है। भारत में रेल-आधारित एमआरटीएस की संख्या में विस्तार के साथ एक संस्था/सोसायटी की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जो इन संगठनों को एक साथ ला सके, चाहे वह मेट्रो रेल, क्षेत्रीय रेल ट्रांज़िट सिस्टम (आरआरटीएस) या मोनो रेल के निर्माण, संचालन और रखरखाव में शामिल हो। यह संस्था/सोसायटी, एक ऐसा मंच प्रदान करती है जहां सदस्य सुरक्षित वातावरण में एक दूसरे के साथ अपनी सीख एवं अनुभव साझा कर सकते हैं, और इस प्रकार उनके बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा दे सकते हैं। इस तरह के एक संस्था/सोसायटी के गठन से निश्चित रूप से सूचना का एक ऐसा संसाधन बनाने में मदद मिलेगी, जिस पर भारत में रेल आधारित सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में कुशल निर्णय लेने के लिए एक उपकरण के रूप में भरोसा किया जा सके। यह संस्था/सोसायटी अपने सदस्य को सभी सरकारी और गैर-सरकारी हितधारकों के साथ प्रभावी संपर्क और समन्वय बनाए रखने में भी मदद करती है।
उपरोक्त दृष्टि की परिकल्पना करने के लिए "भारतीय मेट्रो रेल संगठन सोसायटी" नामक एक सोसायटी 18 जुलाई 2018 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI, 1860 के अन्तर्गत पंजीकृत किया गया है, जिसे आई-मेट्रो के नाम से जाना जाता है।
इंडियन मेट्रो रेल संगठन सोसायटी, 6 जनवरी, 2021 के आदेश के तहत आयकर अधिनियम 1961 की धारा 12ए के तहत आयकर विभाग के द्बारा ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत है